भगवान शिव के शीतकालीन प्रवास स्थल में आया 14 फीट लंबा किंग कोबरा, लोगों में दहशत

रुद्रप्रयाग: बाबा केदार के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर क्षेत्र में किंग कोबरा के दिखने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. भय के साये में ग्रामीण आवाजाही कर रहे हैं. किंग कोबरा के क्षेत्र में विचरण करने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

ओंकारेश्वर क्षेत्र में किंग कोबरा की दहशत: नगर पंचायत ऊखीमठ के ओंकारेश्वर वार्ड के मस्तोली गदेरे सहित आस-पास के इलाकों में किंग कोबरा के निर्भीक विचरण करने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययनरत नौनिहाल डर के साये में आवाजाही करने को विवश बने हुए हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार किंग कोबरा छोटे सांपों, चूहों और बरसात के समय धरती पर विचरण करने वाले अनेक प्रजाति के जीवों को अपना निवाला बना रहा है. वो फन उठाकर विचरण कर रहा है. कुछ लोगों ने किंग कोबरा का वीडियो बना लिया है.

घूमता दिख रहा 14 फीट लंबा किंग कोबरा: वन विभाग के अनुसार इस क्षेत्र में विगत चार वर्षो से किंग कोबरा विचरण कर रहा है. मगर इलाकों में अधिक झाड़ी होने तथा पथरीला भूभाग होने के कारण वन विभाग व नगर पंचायत को उसे पकड़ने में सफलता नहीं मिल रही है. वन विभाग द्वारा किंग कोबरा की लम्बाई 12 से 14 फीट बताई जा रही है, जबकि ग्रामीण किंग कोबरा की लम्बाई 20 से 25 फीट बता रहे हैं. नगर पंचायत अध्यक्ष कुब्जा धर्म्वाण के नेतृत्व में नगर पंचायत व वन विभाग की टीम ने किंग कोबरा के विचरण करने वाले क्षेत्र का भ्रमण किया गया. लेकिन विभिन्न स्थानों पर झाड़ी और पानी अधिक होने के कारण सफलता न मिलने से दोनों टीमों को बैरंग लौटना पड़ा. वन विभाग के अनुसार यदि किंग कोबरा के बिल में रहने का स्थान मिलता है, तो उसको पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया जायेगा.

4 साल पहले भी दिखा था किंग कोबरा: बता दें कि ओंकारेश्वर वार्ड में चार वर्ष पूर्व किंग कोबरा सांप विचरण करते हुए देखा गया था. इस वर्ष विगत 14 अगस्त को किंग कोबरा पहली बार विभिन्न स्थानों पर देखा गया था. इन दिनों धूप निकलते ही मन्दिर पैदल मार्ग सहित मस्तोली गदेरे व डंगवाड़ी के विभिन्न स्थानों पर किंग कोबरा दिखने से ग्रामीण दहशत में हैं. ग्रामीणों के अनुसार किंग कोबरा फन उठाकर विचरण कर रहा है.

ग्रामीणों की शिकायत पर विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया गया. मगर झाड़ियां अधिक होने के कारण सफलता नहीं मिली. शीघ्र पर्यावरण मित्रों से सफाई करवाकर वन विभाग के सहयोग से किंग कोबरा को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के प्रयास किये जायेंगे.
-कुब्जा धर्म्वाण, नगर पंचायत अध्यक्ष-

वन दारोगा ने ये कहा: पूर्व प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद भट्ट ने बताया कि किंग कोबरा सांप के निर्भीक घूमने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. वन विभाग अगस्त्यमुनि रेंज के वन दारोगा गौरव भट्ट ने बताया कि-

पहाड़ी क्षेत्रों में किंग कोबरा, रसेल वाइपर व कॉमन ग्रेड तीन प्रजाति के सांप विचरण करते हैं. ये तीनों बहुत जहरीले होते हैं. झाड़ी, पानी व अधिकांश भूभाग पथरीला होने के कारण किंग कोबरा के ठिकाने का अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. झाड़ी काटने के बाद टीम द्वारा किंग कोबरा को पकड़ने की सामूहिक पहल की जायेगी. भगवान शिव की तपस्थली होने के कारण कुछ लोग किंग कोबरा को नाग देवता भी मान रहे हैं.
-गौरव भट्ट, वन दारोगा-

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