नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के द्वारा सितारगंज क्षेत्र में बहने वाली कटरा नदी का पानी बैगुल नदी में डाले जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ती सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस पर दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. अब मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी. मामले में प्रभावित हरीश चंद्र ने जनहित याचिका दायर की है
सुनवाई पर याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि कुछ राजनीतिक पहुंच वाले लोगो की वजह से कटरा नदी का मुहाना बंद करके उसका पानी बैगुल नदी में डाला जा रहा है. जिसकी वजह से वे बैगुल नदी में अवैध खनन कर सके. वर्तमान में बारिश अधिक होने के कारण बैगुल नदी क्षेत्र में रहने वाले करीब 9 गांव बाढ़ की जद में आ गए हैं. तमाम गांवों में पानी भर गया है. करीब 25 हजार परिवार इससे प्रभावित हो रहे हैं और लोगों की फसलें बर्बाद हो रही हैं.
यही नहीं उनकी सुरक्षा के लिए हर साल एसडीआरफ टीम को बुलाना पड़ता है. अभी भी इन नदियों पर बने डेमो का संचालन सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किया जाता है. जनहित याचिका में उनके द्वारा कोर्ट से प्रार्थना की है कि जो नदी जिस ओर बहती है उसे उसी और जाने दिया जाए. ना कि उसका मुहाना बंद कर दूसरी नदी में डाला जाए, नदी का मुहाना खोला जाए. ताकि एक तरफ सूखा दूसरी तरफ बाढ़ की नौबत ना आए. इस मामले में प्रभावित हरीश चंद्र ने जनहित याचिका दायर की है.