मसूरी: अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध मसूरी शहर इस समय कुदरत के कहर से कराह रहा है. सोमवार देर रात से हो रही मूसलधार बारिश ने यहां ऐसा तांडव मचाया कि सारा इलाका दहशत में आ गया. चारों ओर पानी, मलबा, टूटी सड़कें, और आपदा का माहौल है.
नेपाली मूल के व्यक्ति की मौत: सबसे दुखद घटना झड़ीपानी शॉर्टकट रोड पर हुई. यहां देर रात एक मकान में मलबा घुस आया. इस हादसे में दो नेपाली मूल के लोग मलबे के नीचे दब गए. राम बहादुर (41 वर्ष) की मौके पर मौत हो गई है जबकि अर्जुन (40 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गया है. उसका इलाज मसूरी उप-जिला चिकित्सालय में किया जा रहा है.
मसूरी-देहरादून मार्ग को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. ये रास्ता पूरी तरह से अवरोधित और क्षतिग्रस्त हो गया है. वहीं, कोलू खेत के पास सड़क का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह टूट गया है. यहां अब सिर्फ मलबा और दरारें दिख रही हैं. गलोगी पावर हाउस से करीब 200 मीटर आगे सड़क धंस गई है. इस इलाके में अब वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है. मसूरी पुलिस और प्रशासन ने कई रास्तों को बंद कर दिया है ताकि कोई हादसा न हो.
बारिश से आए मलबे और लैंडस्लाइड की वजह से कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं. कुछ गाड़ियां सड़क किनारे खड़ी थीं जिन्हें मलबा बहा ले गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश इतनी तेज थी कि आंखों के सामने सड़कें टूटती दिखीं और मलबा पूरे शहर में फैलता चला गया.
लोगों में दहशत का माहौल: बारिश और मलबे की तबाही से शहर के लोग काफी सहमे हुए हैं. लोगों ने डर से मारे घरों में कैद होकर रात गुजारी. हालात ये हैं कि बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित है. स्थानीय लोगों ने सरकार से तत्काल राहत और स्थायी समाधान की अपील की है. उनका कहना है कि हर साल बारिश में यही होता है, लेकिन इस बार हालात बेहद खतरनाक हैं.
कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट भी ठप हो गया है, जिससे संपर्क साधन भी सीमित हो गए हैं. मसूरी प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम अलर्ट मोड पर हैं. JCB मशीनों से मलबा हटाया जा रहा है. स्थानीय पुलिस लगातार पेट्रोलिंग कर रही है ताकि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके.