ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो चुकी है. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा 9 दिन के प्रवास पर निकल चुके हैं. पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल हुए हैं. उत्तराखंड में भी इस मौके पर भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई. मसूरी में जगन्नाथ रथ यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए.
मसूरी में जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन: पहाड़ों की रानी मसूरी में पुरी की तर्ज पर भगवान श्री जगन्नाथ जी की भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया गया. यह आयोजन मधुबन आश्रम, ऋषिकेश द्वारा भगवान जगन्नाथ जी की वार्षिक रथयात्रा के शुभ अवसर पर किया गया. यात्रा की शुरुआत सनातन धर्म मंदिर से हुई और यह लक्ष्मी नारायण मंदिर तक निकाली गई. रथ यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और भक्ति भाव से रथ की रस्सी खींचते हुए प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त किया. पूरा वातावरण जय जगन्नाथ के नारों से गूंज उठा. पूरे मार्ग में श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते चले और रथ के आगे पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर श्रद्धालुओं ने नृत्य भी किया.
संतों ने बताया आत्मा और परमात्मा का मिलन: रथ यात्रा से पूर्व आयोजित सभा में मधुबन आश्रम के संत, महाराज परमानंद दास और बिस्मेंदर दास महाराज ने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है.
जब भक्त भगवान को रथ पर विराजमान कर नगर भ्रमण कराते हैं, तो यह जन-जन तक भगवान की करुणा और कृपा का संदेश पहुंचाना है. यह यात्रा सभी के लिए कल्याणकारी होती है. महाराज जी ने यह भी बताया कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दिन भगवान अपने भक्तों के घर स्वयं पधारे हैं और रथ की रस्सी खींचना सौभाग्य व मोक्ष प्रदान करने वाला कर्म माना गया है.
श्रद्धालुओं ने रस्सी खींचकर लिया आशीर्वाद: इस पावन अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी और भारतीय जनता पार्टी मसूरी मंडल अध्यक्ष राजत अग्रवाल ने भी भाग लिया. उन्होंने भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा के समक्ष पूजा-अर्चना की और श्रद्धालुओं के साथ रथ की रस्सी खींचकर आशीर्वाद प्राप्त किया. पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने कहा ने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से समाज में अध्यात्म, सद्भाव और एकता का संदेश फैलता है. मसूरी जैसे पर्यटन स्थल पर इस प्रकार की रथ यात्रा का आयोजन बहुत ही सराहनीय पहल है.