रुद्रप्रयाग/चमोली: उत्तराखंड में इन दिनों चारधाम यात्रा चल रही है. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. चारधाम के अलावा दूसरे धामों में भी श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. हेमकुंड साहिब यात्रा में रिकॉर्ड तोड़ तीर्थ यात्री दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. कपाट खुलने के बाद 11 दिनों में अब तक 36 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा पहुंच कर पवित्र दरबार साहिब में मत्था टेका है. वहीं, तुंगनाथ धाम में भी 42 हजार से अधिक यात्री दर्शन कर चुके हैं.
हेमकुंड साहिब पहुंच रहे रिकॉर्डतोड़ श्रद्धालु: पिछले 11 दिनों में हेमकुंड साहिब में तीर्थयात्रियों की संख्या ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. इस दौरान 36, हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे के दर्शन किए,जो पिछले वर्ष की तुलना में एक रिकॉर्ड उपलब्धि है. यह आंकड़ा न केवल तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को दर्शाता है, बल्कि हेमकुंड साहिब के प्रति उनकी गहरी निष्ठा और आकर्षण को भी उजागर करता है. यह यात्रा न केवल शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध करने वाली है.प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर सुरक्षा, आवास, और अन्य आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. जिसमें स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एसडीआरएफ) , एटीएस एवं आईटीबीपी की विशेष टीमें भी शामिल हैं, जो यात्रा मार्ग के प्रमुख पड़ावों पर तैनात हैं. हेमकुंड साहिब यात्रा, जो मई से अक्टूबर तक चलती है, सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की तपोस्थली के रूप में जानी जाती है. यह स्थान न केवल सिख समुदाय के लिए, बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए एक आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र है.
कैसे पहुंचे हेमकुंड साहिब: हेमकुंड साहिब दुनिया का सबसे ऊंचा गुरुद्वारा है. यह 6 महीने बर्फ से ढका रहता है. हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में है. यहां पहुंचने के लिए दिल्ली से रेल, हवाई और सड़क मार्ग का इस्तेमाल किया जा सकता है. हवाई मार्ग से आप सीधे देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे. यहां से आपको ऋषिकेश जाना होगा. जहां से आपको सड़क मार्ग सफर करना होगा. रेल मार्ग की अगर बात करें तो वो भी ऋषिकेश तक की है. इसके बाद आपको सड़क से ही सफर करना होगा. दिल्ली से भी आप सीधे बस लेकर हेमकुंड पहुंच सकते हैं
दिल्ली से हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, चमोली, जोशीमठ होते हुए आप सड़क मार्ग के जरिये गोविंदघाट पहुंच सकते हैं. यहां से पैदलमार्ग शुरू होता है. जहां से आपको ट्रैक कर घांघरिया और उसके बाद हेमकुंड साबिह पहुंचना होता है.
तुंगनाथ धाम में भी बढ़ी भक्तों की संख्या: तृतीय केदार से विख्यात भगवान तुंगनाथ धाम में रिकार्ड यात्री दर्शनों को पहुंच रहे हैं. इस वर्ष एक माह में अब तक 42 हजार से अधिक यात्री धाम पहुंचकर मत्था टेक चुके हैं. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार तुंगनाथ धाम में अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. प्रतिवर्ष लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ने से जहां पर्यटन एवं तीर्थाटन को बढ़ावा मिल रहा है. पर्यटन से जुडे स्थानीय लोगों को भी रोजगार भी मिल रहा है. जिससे उनकी आर्थिकी भी मजबूत हो रही है.
पिछले वर्ष के दर्शनों का टूट सकता है रिकार्ड: तुंगनाथ धाम की यात्रा में वर्ष 2022 में पूरे सीजन में 28198, वर्ष 2023 पूरे सीजन में 1,36,430 यात्रियों ने तुंगनाथ के दर पहुंचकर मत्था टेका था. जबकि पिछले वर्ष एक लाख 74 हजार यात्री पूरे सीजन में बाबा तुंगनाथ के दर्शनों को पहुंचे थे. वहीं इस वर्ष अब तक एक माह में 42 हजार यात्री पहुंच चुके हैं. जिस तरह यात्रियों की रफ्तार बढ़ रही है, उससे यही प्रतीत हो रहा है कि पिछले वर्ष के दर्शनों का रिकार्ड भी टूट जाएगा.