नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चिटफंड कंपनी एलयूसीसी के 800 करोड़ के घोटाले और उसकी सीबीआई जांच कराए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ती पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने इसी मामले में पहले से चल रही जनहित याचिका के साथ सुनवाई को संबद्ध कर दिया है.
आज हुई सुनवाई पर सीबीआई की तरफ से कहा गया कि पूर्व में जब जनहित याचिका पर सुनवाई हुई थी तब कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि क्या सीबीआई इस मामले की जांच कर सकती है? आज उनके द्वारा कोर्ट को अवगत कराया गया कि सीबीआई की तरफ से इंस्ट्रक्शन आ गए हैं. जिसका उत्तर उनको कोर्ट में बताना है, इसलिए इस मामले को भी उसी जनहित याचिका के साथ सुनवाई के लिए सम्बद्ध किया जाये. कोर्ट ने उनकी बात को मानते हुए उसी जनहित याचिका के साथ सुनवाई के लिए भेज दिया है.
आज इस मामले में देहरादून, ऋषिकेश सहित कई पीड़ितों की तरफ से याचिका दायर की गई थी.जिसमें कहा गया कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराई जाये, लेकिन पूर्व में इसी मामले दायर जनहित याचिका कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण एकलपीठ ने इस मामले को भी उसी के साथ सुनवाई के लिए खण्डपीठ में भेज दिया है.
पूर्व में कोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता से पूछा था कि इसमें वे अपनी राय दें, क्या सीबीआई इस मामले की जांच कर सकती है? आज इस मामले को विशाल क्षेत्री व अन्य ने चुनौती दी है, जबकि पूर्व में इसी मामले को ऋषिकेश निवासी आशुतोष ने जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी है, जो कि विचारसधीन है. जिसमें कहा गया है कि एल्यूसीसी नाम की एक चिटफंड कम्पनी ने वर्ष 2021 में प्रदेश के कई जिलों के लोगों को कई तरह के लाभ देने के उद्देश्य से अपना ऑफिस देहरादून, ऋषिकेश सहित पौड़ी में खुलवाया. उसके बाद स्थानीय लोगों को एजेंट नियुक्त किया. एजेंटो के जरिये लोगों से कंपनी में निवेश करवाया.