तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) ने VCK और MDMK समेत कुल छह सहयोगी दलों के साथ सीट-बंटवारे पर डील फाइनल कर ली है। इन दलों के साथ सीट बंटवारा समझौता 2019 के फॉर्मूले के तहत किया गया है, जिसमें उन्हें पिछली बार की ही तरह नौ सीटें दी गई हैं। प्रमुख सहयोगी दल कांग्रेस के साथ अभी बातचीत फाइनल नहीं हो सकी है। हालांकि, डीएमके ने उसे 2019 की ही तरह इस बार भी कुल नौ सीटों का ऑफर दिया है। पिछली बार कांग्रेस ने 9 में से 8 सीटें जीती थीं, जबकि इस गठबंधन ने कुल 39 में से 38 सीटें जीती थीं।
समझौते के मुताबिक, विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK) को दो सीटें आवंटित की गईं। दोनों आरक्षित सीटें हैं। वाइको के नेतृत्व वाली मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (MDMK) को एक सीट दी गई है। साल 2019 में एमडीएमके को एक राज्यसभा सीट भी दी गई थी।
एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली पार्टी ने वीसीके के अलावा सीपीआई (एम) और सीपीआई को भी दो-दो सीटें दी हैं, जबकि एमडीएमके, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) और कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची (KMDK) को एक-एक सीट आवंटित की है। केएमडीके पश्चिमी तमिलनाडु का एक छोटा संगठन है,जो अन्नाद्रमुक का गढ़ माना जाता है।
अभिनेता कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मैयम (MNM) ने भी डीएमके के साथ समझौता किया है लेकिन पार्टी एक भी सीट पर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। इसके बदले में डीएमके राज्यसभा की एक सीट MNM को देगी। उदयनिधि स्टालिन के साथ समझौते के अंतिम रूप देने के बाद कमल हासन ने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनावों में डीएमके की अगुवाई वाले गठबंधन को सपोर्ट करेगी। हासन ने कहा यह देश बचाने और लोकतंत्र का मामला है।
वीसीके नेता ने कहा कि पार्टी ने सामान्य श्रेणी की एक सहित कम से कम तीन सीट की मांग की थी, लेकिन तमिलनाडु और भारत की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए और इस बार भी द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, दो आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों के लिए समझौता किया।
द्रमुक तमिलनाडु में बहुदलीय धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन (एसपीए) का नेतृत्व करती है और उसने 2019 के चुनावों में राज्य की 39 लोकसभा सीट में से 38 पर जीत हासिल की थी। द्रमुक ने पुडुचेरी संसदीय सीट पर भी जीत हासिल की थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)