इसके अलावा बसुकेदार क्षेत्र के आपदाग्रस्त इलाकों को जोड़ने वाला मार्ग छेनागाड़ से होकर गुजरता है, ये लिंक मार्ग जगह जगह बंद है. जिस कारण रेस्क्यू टीमों को कई किमी पैदल चलना पड़ रहा है. छेनागाड़ से करीब 200 मीटर पीछे सड़क मार्ग पूरी तरह के क्षतिग्रस्त हो गया है.
रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि जनपद में बंद सड़कों को खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिशासी अभियंता को को तत्काल निर्देश जारी किए गए हैं. जिन स्थानों पर पशु मलबे में फंसे हुए हैं, वहां पर जेसीबी शीघ्र पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को प्रभावित क्षेत्रों पशुओं के लिए चारा एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
कुमाऊं में भी भारी बारिश से हाल बेहाल: कुमाऊं में भी गढ़वाल जैसा ही हाल है. यहां भी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है. हल्द्वानी-भीमताल स्टेट हाईवे पर रानीबाग इलाके में पुल के पास जबरदस्त लैंडस्लाइड हुआ है. इस लैंडस्लाइड में पहाड़ का बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिर गया. जिसके चलते के हल्द्वानी से भीमताल और अल्मोड़ा को जाने वाला राज्य मार्ग बंद हो गया था. नया पुल ट्रैफिक के लिए अभी बंद है. पुराने पुल से छोटे वाहन आ-जा रहे हैं.
हल्द्वानी-भीमताल स्टेट हाईवे पर लैंडस्लाइड की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पहुंची. इसके अलावा लोक निर्माण विभाग की टीम हाईवे को खोलने का प्रयास कर रही है. जेसीबी मशीन लगाकर मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. बड़े पुल से रास्ता खुलने में शाम तक का समय लग सकता है.
बताया जा रहा किसी जगह पर लैंडस्लाइड हुआ है, उसके नीचे भीमताल और अल्मोड़ा को जोड़ने वाला लोहे का पुल है. दो साल पहले भी वहां पर भारी भूस्खलन के चलते मलबा आ गया था, तब मलबा हटाने में एक महीने से अधिक का समय लगा था. एक बार फिर से मलबा आने के बाद सड़क बंद हो गई है. अल्मोड़ा और भीमताल जाने वाले वाहनों को अब नैनीताल होते हुए अल्मोड़ा और भीमताल को जाना पड़ रहा है.
नेशनल हाईवे 309 पर यातायात ठप: पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के कारण मैदान जिलों नदी-नाले और बरसाती गदेरे उफान पर आ गए हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग-309 पर भी रामनगर-काशीपुर-बुआखाल के बीच शुक्रवार सुबह से ट्रैफिक रुका हुआ है.
बताया जा रहा है कि रामनगर के पास धनगढ़ी नाले में पानी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है. इसीलिए इस हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है. उफनते नाले के कारण हाईवे पूरी तरह के डूब चुका है.
पुलिस-प्रशासन की टीम मौके पर: स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है और हालात पर नजर बनाए हुए है. इस दौरान सड़क पर फंसे वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है, ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके. हाईवे बंद होने से बड़ी संख्या में वाहन रामनगर, काशीपुर और आसपास के इलाकों में फंसे हुए हैं.
कुमाऊं और गढ़वाल के कई इलाकों की लाइफ लाइन हैं ये हाईवे: इस मार्ग के बंद होने से न केवल रामनगर और काशीपुर बल्कि कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों के कई जिलों का संपर्क भी बाधित हो गया है. पौड़ी और अल्मोड़ा जिलों के ग्रामीण व शहरी इलाके प्रत्यक्ष रूप से इस मार्ग से जुड़े हैं. ऐसे में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क बंद होने के कारण यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से लंबा सफर तय करना पड़ रहा है, जबकि कुछ क्षेत्रों के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बरसात के मौसम में धनगढ़ी नाला इस मार्ग पर बाधा बनता है, लेकिन इस बार जलस्तर बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है. कई किलोमीटर तक हाईवे पर वाहनों की कतार लग गई है.
प्रशासन की अपील: प्रशासन की ओर से फिलहाल स्थिति सामान्य होने तक लोगों से अपील की गई है कि वे इस मार्ग पर अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम साफ होने का इंतजार करें. मौसम विभाग ने भी अगले 24 घंटों में भारी बारिश की आशंका जताई है. ऐसे में आशंका है कि हाईवे को खोलने में अभी और समय लग सकता है.