नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, अधिकारियों की मंशा पर उठाये सवाल – NAINITAL JILA PANCHAYAT ELECTION

नैनीताल: जिला पंचायत नैनीताल के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव में 5 सदस्यों का अपहरण किये जाने के बाद हाईकोर्ट पहुंचे कांग्रेस के प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया है. इन सदस्यों के मिलने के बाद नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिये अब नई तिथि में मतदान होगा.

नैनीताल जिले के गुम हुए 5 सदस्य शाम तक बरामद नहीं हुए हैं. जिस पर जिलाधिकारी वन्दना ने कोर्ट के समक्ष नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष का दोबारा चुनाव करने की संस्तुति चुनाव आयोग को भेजने का सुझाव दिया. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. हाईकोर्ट ने मतदान स्थल के निकट से जिला पंचायत सदस्यों के अपहृत होने की शिकायत तल्लीताल थाने में दर्ज न होने पर गम्भीर रुख अपनाते हुए थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही के संकेत दिया हैं.

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खण्डपीठ में हुई. दोपहर के समय हुई सुनवाई में दस जिला पंचायत सदस्य,नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य,विधायक सुमित हृदयेश,पूर्व विधायक संजीव आर्य भी कोर्ट में मौजूद थे. कोर्ट में मौजूद दस सदस्यों को हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त सुरक्षा अधिकारी की निगरानी में मतदान केंद्र ले जाकर मतदान करवाया.

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि गुम हुए सदस्यों ने शपथ पत्र दिया है कि उनका जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से कोई वास्ता नहीं है. जबकि पुष्पा नेगी के वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने कोर्ट को बताया कि जिस शपथ पत्र को पूर्व दिए जाने की बात की जा रही है उन शपथ पत्रों का स्टाम्प 14 अगस्त को 2.30 बजे खरीदे गए हैं. जिसका कोर्ट ने संज्ञान लिया है. कोर्ट में शाम को हुई सुनवाई के दौरान जबरन उठाये गए जिला पंचायत सदस्यों के परिजन भी मौजूद थे. जिनके बयान भी हाईकोर्ट में दर्ज हुए हैं. उन्होंने अपने परिजनों का पता लगाने की अपील की है. एक सदस्य के परिजन ने कोर्ट के समक्ष उन लोगों के नाम भी बताए जिन्होंने 5 सदस्यों को बलपूर्वक उठाया. जिनमें भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, आनन्द सिंह दर्मवाल, चतुर बोरा,शंकर सिंह कोरंगा के नाम मुख्यतः शामिल हैं.

इस मामले का दोपहर में मुख्य न्यायधीश की कोर्ट में कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत, डॉ. महेंद्र पाल,बार एसोसिएशन अध्यक्ष दुर्गा सिंह रावत, डी के जोशी आदि ने 5 जिला पंचायत सदस्यों को जबरन उठाने की जानकारी दी. जिस पर खण्डपीठ ने जिलाधिकारी व एसएसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में तलब किया. उन्हें अपहृत सदस्यों को ढूंढकर लाने के निर्देश दिये. शाम साढ़े चार बजे मामला पुनः सुनवाई के लिये पेश हुये. तब कोर्ट में वीसी के जरिये पेश हुए जिलाधिकारी व एसएसपी ने बताया कि उक्त 5 सदस्य नहीं मिले हैं. जिस पर कोर्ट ने दोनों अधिकारियों की मंशा पर गम्भीर सवाल उठाए.

इस दौरान जिलाधिकारी ने कोर्ट के समक्ष सुझाव दिया कि उक्त सदस्यों के न मिलने की स्थिति में नई तिथि में नए सिरे से मतदान किया जाएगा. इस सम्बंध में वे रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजेगी. जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 18 अगस्त को होगी.

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