उत्तरकाशी: यमुनोत्री से 14 किमी पैदल दूरी पर स्थित समुद्रतल से करीब 16 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सप्तऋषि कुंड और इसके ट्रैक को विकसित करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. वन विभाग को इसके लिए शासन की ओर से करीब 20 लाख की धनराशि स्वीकृति दी है. इसके बाद इस पर टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है.
सप्तऋषि कुंड यमुनोत्री धाम से करीब 14 किमी का पैदल ट्रैक कर पहुंचा जा सकता है. यह कुंड करीब आधे किमी में फैला हुआ है. वहीं इसके आसपास दुर्लभ वन्यजीव और वनस्पतियां पाई जाती हैं. वहां से हिमालय की हिमाच्छादित चोटियों के साथ ही सुंदर घाटियों का अवलोकन किया जाता है. यहां पर स्थानीय लोग कई बार ट्रैकिंग और धार्मिक दृष्टिकोण से जाते हैं. लेकिन वहां पर पहुंचने वाले पारंपरिक ट्रैक का विकास ना होने के कारण वहां पर आवागमन में खतरा बना रहता है. लंबे समय से स्थानीय लोग इसके विकास और साहसिक पर्यटन से जोड़ने की मांग कर रहे थे.
वहीं अब शासन की ओर से वन विभाग को यमुनोत्री धाम से सप्तऋषि कुंड तक के 14 किमी ट्रैक को विकसित करने के लिए 20 लाख की धनराशि की स्वीकृति दी है. डीएफओ रविंद्र पुंडीर ने बताया कि इसके तहत वहां पर रास्ते का सुधारीकरण सहित हट और बॉयो टॉयलेट आदि का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इसके विकास से क्षेत्र में भी पर्यटन के नए आयाम खुल पाएंगे. क्योंकि चारधाम यात्रा के साथ श्रद्धालु क्षेत्र में ट्रैक आदि की जानकारी मांगते हैं. लेकिन ट्रैकों का विकास न होने के कारण वह इनकी जानकारी नहीं दे पाते हैं.