उत्तराखंड के आडू की दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के मार्केट में बढ़ी डिमांड, काश्तकारों के खिले चेहरे – PEACH FRUIT PRODUCTION IN HALDWANI

हल्द्वानी: उत्तराखंड की पारंपरिक खेती की पहचान देश विदेश तक है. यहां पर उत्पादित लोकल उत्पाद और फल औषधीय गुणों से भरपूर माने जाते हैं. इन दिनों पर्वतीय अंचलों में आड़ू की पैदावार का सीजन चल रहा है. आड़ू फल की डिमांड इन दिनों उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश की कई मंडियों से खूब आ रही है. हल्द्वानी मंडी से आडू भारी मात्रा में दूसरे राज्यों में भेजा रहा है. ऐसे में पहाड़ के काश्तकारों के साथ ही कारोबारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं.

पहाड़ के काश्तकारों और कारोबारियों के लिए अच्छी बात तो यह है कि इस बार पहाड़ी फलों का उत्पादन बहुत बेहतर हुआ है. शुरुआत में मंडियों में अच्छी डिमांड आने के कारण फलों की कीमत भी उनको अच्छी मिलने की उम्मीद है. व्यापारियों की मानें तो पर्वतीय अंचलों के फलों के दाम बाहर के मंडियों में अच्छे मिल रहे हैं. आडू फल की अभी शुरुआत हुई है. आडू होलसेल में ₹40 से ₹50 प्रति किलो बिक रहा है. जबकि खुदरा बाजारों में 60 से ₹80 किलो बिक रहा है. व्यापारियों का कहना है कि इस बार पहाड़ी फल समय से 10 दिन पहले बाजार में आ गए हैं. जिसके चलते डिमांड बढ़ गई है.

इस समय पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र और यूपी के मंडियों में इन फलों की खूब डिमांड आ रही है. जिससे किसानों को भी पैदावार के अच्छे दाम मिल रहे हैं. नैनीताल जिले के रामगढ़, धारी, भीमताल व ओखलकांडा ब्लॉक में सेब, आडू, खुबानी, पुलम आदि का बहुतायत से उत्पादन होता है. प्रदेश में उत्पादित होने वाले सेब,आडू में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी केवल नैनीताल जिले की है, जिले में नौ हजार से अधिक काश्तकार फलों के उत्पादन से जुड़े हैं. इस बार अच्छा मौसम होने के चलते फल उच्च क्वालिटी के तैयार हुए हैं. जिससे फलों की मार्केट में भारी मांग बढ़ गई है.

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