देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में अनेकानेक मंदिर अपनी अद्भुत मान्यता लिए स्थित हैं. इन्हीं में से एक मंदिर देहरादून जिले में स्थित है. मसूरी-देहरादून मार्ग पर स्थित ये मंदिर हरी-भरी पहाड़ियों के बीच में है. इस मंदिर में हिंदू त्योहार शिवरात्रि और सावन के महीनों में भक्तों का तांता लगा रहता है.
सीएम धामी ने शेयर किया श्री प्रकाशेश्वर मंदिर का वीडियो: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जो रोज उत्तराखंड के एक मंदिर का वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर शेयर करते हैं, उन्होंने आज भी एक मंदिर का वीडियो फिर शेयर किया है. ये मंदिर देहरादून जिले में स्थित है. सीएम धामी ने देहरादून के श्री प्रकाशेश्वर मंदिर का वीडियो शेयर किया है. सीएम ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा-
‘हर हर महादेव..! प्रभु शिव शंकर से समस्त भक्तजनों के सुखद, सुयशपूर्ण और मंगलमय जीवन की कामना करता हूँ।;
मसूरी देहरादून रोड पर है मंदिर: आइए अब हम आपको उत्तराखण्ड में प्रसिद्ध शिव मंदिर में एक श्री प्रकाशेश्वर महादेव के बारे में विस्तार से बताते हैं. ये मंदिर मसूरी-देहरादून मार्ग पर स्थित है. भगवान शिव को सबसे सरल देवता माना जाता है. उन्हें फूल-पत्ती, जल चढ़ा दें तो वो प्रसन्न हो जाते हैं. कुल मिलाकर भगवान शिव की पूजा करने के लिए ज्यादा चीजें लाने का परिश्रम नहीं करना पड़ता है. ना ही फूल-पत्ती और जल में कुछ खर्च होता है.
फूल-पत्ती चढ़ाने पर खुश हो जाते हैं भगवान शिव: ‘शिव महापुराण’ में भी उल्लेख मिलता है कि भगवान शिव को धतूरे के फूल, हरसिंगार, कुसुम, आक, कुश आदि के फूल प्रिय हैं. सीधा मतलब है कि भगवान शिव के गरीब से गरीब भक्त को भी बिना तामझाम के उनकी पूजा करने का अवसर देते हैं. देहरादून में मसूरी रोड पर स्थित श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर भी इसी इसी तर्ज पर है.
मंदिर में है स्फटिक शिवलिंग: श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर का मुख्य आकर्षण यहां स्थापित शिवलिंग है. ये शिवलिंग दुर्लभ पत्थरों और स्फटिक के बना हुआ है. स्फटिक एक प्रकार का बर्फ का पत्थर है. ऐसा कहा जाता है कि ये लाखों वर्ष बर्फ में दबे होने से बनता है. बर्फ का पत्थर होने के कारण ये दिखने में पारदर्शी, चमकदार, और कठोर होता है.
150 से ज्यादा त्रिशूल बढ़ाते हैं मंदिर की शोभा: श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर के ऊपर 150 से ज्यादा त्रिशूल बने हैं. इससे इस शिव मंदिर की सुंदरता निखर जाती है. ये हमारे देश की अनूठी वास्तुकला का नमून भी पेश करता है. इस मंदिर का निर्माण 1990-91 के दौरान शिवरत्न केंद्र हरिद्वार ने कराया था. मंदिर का निर्माण योगीराज मूलचंद खत्री परिवार ने कराया था. इसलिए मंदिर में लगे शिलापट पर इसे निजी प्रॉपर्टी बताया गया है.
इस मंदिर में दान नहीं होता स्वीकार: श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां चढ़ावा नहीं चढ़ाने की शर्त पर ही भगवान शिव के दर्शन कराए जाते हैं. यहां की एक और विशेषता भी है. इस मंदिर में प्रसाद के रूप में कढ़ी-चावल, दलिया मिलता है. मंदिर से लगे मालसी डियर पार्क और मालसी आरक्षित वन क्षेत्र इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं.
कैसे पहुंचे श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर? इस मंदिर के दर्शन के लिए आपको देहरादून आना होगा. ये मंदिर देहरादून-मसूरी रोड पर देहरादून घंटाघर से लगभग 12 किलोमीटर दूर है. यहां मसूरी जाने वाली बस या फिर किराए की टैक्सी से जा सकते हैं. अपने निजी वाहन से भी इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं.