वरुणावत पर्वत पर फिर से हुआ लैंडस्लाइड, जिलास्तरीय तकनीकी समिति की शासन को सौंपी रिपोर्ट

उत्तरकाशी: वरुणावत पर्वत से शुक्रवार सुबह एक बार फिर भूस्खलन देखने को मिला. इस दौरान पहले कुछ बोल्डर गिरे. उसके बाद पानी के साथ मिट्टी बहती रही. कुछ देर बाद भूस्खलन रूक गया. जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली. शनिवार को मौसम साफ रहने पर कुछ हरकत नहीं हुई. वहीं, जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने वरुणावत पर्वत से भूस्खलन को लेकर जिला स्तर पर गठित तकनीकी समिति की रिपोर्ट शासन को भेज दी है. उत्तरकाशी डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा इस पर अब शासन की ओर से ही तकनीकी समिति जांच करेगी, जिसके जल्द यहां पहुंचने की उम्मीद है.

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया शासन-प्रशासन के निर्देश पर भूस्खलन जोन के अंतर्गत आने वाले भटवाड़ी रोड और गोफियारा के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए निर्देशित किया गया है. उनके रहने का किराया शासन-प्रशासन की ओर से दिया जाएगा. इसके साथ ही भूस्खलन जोन की तकनीकी और मानवीय तरीके से निगरानी की जा रही है.

गोफियारा क्षेत्र के 30 से 35 परिवारों को नोटिस: वरुणावत पर्वत पर भूस्खलन से खतरे के मध्येनजर प्रशासन ने गोफियारा क्षेत्र के 30 से 35 परिवारों को नोटिस जारी कर दिए हैं. नोटिस में उन्हें सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा गया है. एसडीएम भटवाड़ी बृजेश कुमार तिवारी ने बताया बारिश में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है. जिससे गोफियारा क्षेत्र में खतरा है.

बता दें बीते मंगलवार रात को वरुणावत पर्वत की तलहटी में बसे गोफियारा क्षेत्र के ऊपर भूस्खलन हुआ. जिसके बाद डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट ने एक जिला स्तरीय तकनीकी समिति का गठन कर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने के निर्देश दिए. समिति ने भूस्खलन क्षेत्र का निरीक्षण कर तत्कालीन और दीर्घकालीन सुरक्षा उपायों को लेकर अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपी. इस रिपोर्ट में समिति ने भूस्खलन को रोकने के उपाय भी सुझाए. साथ ही भूस्खलन की तलहटी में बसे आबादी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए निरंतर सतर्कता बरतने को कहा है.

उत्तरकाशी डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया उन्होंने जिला स्तर पर गठित तकनीकी समिति की रिपोर्ट शासन को भेज दी है.अब शासन की ओर से ही तकनीकी समिति गठित की जाएगी. जिसमें टीएचडीसी, जीएसआई, आईआईटी रुड़की सहित अन्य एजेंसियां हो सकती हैं. डीएम ने कहा वरुणावत पर्वत हमारे लिए महत्वपूर्ण है. इसके नीचे घनी आबादी रहती है. वरुणावत पर्वत पर जहां भूस्खलन हुआ है उसके ट्रीटमेंट के साथ बफर जोन में नये निर्माण पर पाबंदी को सख्ती से लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा रिपोर्ट सौंपने के बाद जल्द ही इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है.

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