धराली में ग्राउंड जीरो पर एनडीआरएफ के कैडेवर डॉग्स (शव खोजी कुत्ते) ने आठ जगह सूंघकर संकेत दिए। यहां खोदाई शुरू हुई तो नीचे से पानी निकल आया, जिससे वहां काम रोकना पड़ा। अब यहां ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) से ग्राउंड जीरो की स्कैनिंग की जा रही है। इस राडार की तरंगों से मलबे में दबे भवनों की खोज की जाएगी। इसके बाद जहां से सही दिशा में संकेत मिलेंगे वहीं पर खोदाई की जाएगी।
दरअसल, धराली में आपदाग्रस्त क्षेत्र से वहां फंसे लोगों को निकालने का काम लगभग पूरा हो गया है। अब पुलिस और अन्य एजेंसियों ने वहां पर दूसरे चरण में शवों को तलाशना शुरू कर दिया है। इसके लिए शुरुआत में ही एनडीआरएफ ने वहां पर दो कैडेवर डॉग्स को तैनात किया था। इन डॉग की मदद से लगातार खोज अभियान चलाया जा रहा है।
इससे वहां पर समय की बचत के साथ आसानी से काम किया जा सकता है। एनडीआरएफ ने पूरे इलाके को अलग-अलग सेक्टरों में बांटकर खोज शुरू कर दी है। ज्यादा बड़ी मशीनें भी यहां पर पहुंचने में दिक्कत आ रही है लिहाजा मैन्युअली खोदाई करनी पड़ रही है।