रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर धाम को को जोड़ने के लिए मधु गंगा नदी पर बना अस्थायी लकड़ी का पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. लगातार हो रही बारिश के कारण मधु गंगा अपने उफान पर है, जिस कारण लकड़ी के पुल के दोनों ओर से क्षतिग्रस्त होने से आवाजाही पर पूर्ण रूप से रोक लगाई गई है. ऐसे में धाम की ओर से फंसे तीर्थ यात्रियों को ट्रॉली के जरिए रेस्क्यू किया जा रहा है. बीते मंगलवार की सायं लकड़ी का पुल मधु गंगा के उफान में आने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद से धाम से लौट रहे तीर्थयात्रियों को ट्राली के जरिए रास्ता पार करवाया गया.
पहाड़ों में लगातार बारिश जारी है, जिससे जनजीवन खासा प्रभावित हो रहा है. भारी बारिश के कारण अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के अलावा अन्य सहायक नदियां भी उफान पर बह रही हैं. मदमहेश्वर धाम से निकलने वाली मधु गंगा नदी उफान पर है, जिस कारण गौंडार गांव के निकट मधु गंगा पर मदमहेश्वर धाम को जोड़ने वाला पैदल अस्थायी लकड़ी पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है. ऐसे में जो तीर्थ यात्री धाम से नीचे लौट रहे हैं, उनको ट्रॉली के जरिए नदी पार कराया जा रहा है. बता दें कि लंबे समय से मदमहेश्वर घाटी की जनता और धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्री मधु गंगा में स्थायी पुल निर्माण की मांग कर रही है, लेकिन सरकार, शासन-प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिस कारण बरसाती सीजन में हर साल तीर्थयात्रियों और स्थानीय जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
पूर्व जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने कहा कि इन दिनों मधु गंगा नदी अपने उफान पर है और लकड़ी का अस्थायी पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है. मदमहेश्वर घाटी के दूरस्थ क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री पहुंचाने के लिए समस्या खड़ी हो गई है. ट्राली के सहारे आवागमन हो रहा है. ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. उन्होंने शासन-प्रशासन से जल्द इस ओर ध्यान देने की मांग की है. वहीं, जिला आपदा प्रबंधन नंदन सिंह रजवार ने बताया कि मधु गंगा के उफान पर आने के कारण स्थानीय गांवों के साथ ही मदमहेश्वर धाम को जोड़ने वाला अस्थायी लकड़ी का पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद से आवाजाही पर रोक लगाई गई है. ग्रामीणों और तीर्थयात्रियों को ट्रॉली के सहारे आवागमन करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने के बाद अस्थायी पुल का ट्रीटमेंट करवाया जाएगा.