देहरादून: शहर के लोग अपनी शान और स्टेट्स सिंबल बनाने के लिए प्रतिबंधित खतरनाक नस्लों के कुत्ते पाल रहे हैं. इन आक्रामक कुत्तों से आम राहगीरों और पड़ोसियों के लिए खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. हाल में ही एक बुजुर्ग महिला को कुत्तों ने बुरी तरह से नोंच डाला. जिसके बाद अब नगर निगम की नींद टूटी है.
कुत्तों ने बुजुर्ग पर किया हमला: बता दें कि भारत सरकार ने 23 खतरनाक नस्लों के कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन इसके बावजूद देहरादून के लोग अपने घरों में इन कुत्तों को पाल रहे हैं. जिसका ताजा नतीजा एक बुजुर्ग महिला पर दो पालतू रॉटविलर ने हमला कर दिया है. जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गईं.
जो आज अस्पताल में मौत और जिंदगी के बीच में झूल रही है. बताया जा रहा है कि बुजुर्ग महिला के 100 से ज्यादा टांकें लग चुके हैं. हाथों पर प्लेट लगाई गई है. आज कई घंटों के ऑपरेशन के बाद बुजुर्ग महिला को आईसीयू में भर्ती किया गया है. वहीं, अब दून नगर निगम का कहना है कि इस तरह की नस्लें रखने वालों कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि देहरादून में पालतू और आवारा कुत्तों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. इस दिशा में कोई ठोस और सख्त कार्रवाई अब तक नजर नहीं आई है. नगर निगम को कई महीने हो चुके हैं, जब इस पर अभियान चलाया गया हो.
खतरनाक नस्ल के कुत्तों को पालने को शान समझते हैं लोग: लोग अपनी शान और स्टेट्स सिंबल के नाम पर पिटबुल, रोटविलर, डाबरमैन और बॉक्सर जैसी विदेशी खतरनाक नस्ल के कुत्तों को पाल रहे हैं, जो आम राहगीरों और पड़ोसियों के लिए खतरा बनता जा रहे हैं.
देहरादून में पंजीकृत कुत्तों की संख्या: देहरादून नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार, शहर में 4,097 कुत्ते पंजीकृत हैं. जिनमें 1,020 खतरनाक प्रजाति के हैं. इनमें 98 पिटबुल, 148 रॉटविलर और 20 डॉबरमैन है. यह संख्या सिर्फ लाइसेंसधारी तक सीमित है. वास्तविक आंकड़ा कहीं ज्यादा है. बड़ी संख्या में लोग बिना लाइसेंस के ही खतरनाक नस्लों को पाल रहे हैं.
देशभर में कुत्तों के हमले को देखते हुए केंद्र सरकार ने मार्च 2024 में पिटबुल समेत 23 खतरनाक नस्लों के प्रजनन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था. देहरादून में यह प्रतिबंध कागज तक ही सीमित नजर आ रहा है. खतरनाक नस्लों के कुत्तों को बिना रजिस्ट्रेशन, टीकाकरण और बिना सुरक्षा इंतजामों के पालना जारी है.
कुत्ता पालने के लिए गाइडलाइन-
- किसी भी कुत्ते को पालने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है.
- कुत्तों का समय-समय पर रेबीज आदि का टीकाकरण जरूरी है.
- टीकाकरण का प्रमाण पत्र भी अपने पास रखना होता है.
- सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को पट्टे से बांधना अनिवार्य है.
- आक्रामक नस्लों के कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों पर ले जाते समय मुंह पर मास्क लगाना आवश्यक है.
- उल्लंघन पर जुर्माना और कुत्ते के काटे जाने पर पुलिस कार्रवाई का प्रावधान है.
“नगर निगम की ओर से लगातार अभियान चलाया जाता है. जब शिकायत मिलती है तो उस पर कार्रवाई की जाती है. जिस प्रकार की यह घटना सामने आई है, उसमें भी निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी. इस प्रकार की 23 नस्लें भारत सरकार के निर्देश अनुसार प्रतिबंधित किया गया है. इस संबंध में नगर निगम की ओर से सघन अभियान चलाया जाएगा.”- नमामि बंसल, नगर आयुक्त, देहरादून
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग और नगर निगम की टीम की ओर से कार्रवाई करते हुए चेकिंग अभियान चलाया जाएगा. इस तरह की प्रतिबंधित नस्ल न रखी जाए और लाइसेंस को लेकर भी सख्ती की जाएगी. सभी को लाइसेंस लेना होगा. ताकि, शहर में कितने पालतू डॉग हैं, उसकी जानकारी मिल सके. अगर इस तरह की घटना दोबारा सामने आती है तो उस पर मुकदमे की कार्रवाई की जाएगी.