कन्याकुमारी से कश्मीर तक कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में बतौर भारत यात्री शामिल रहे पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता मेजर जनरल (सेनि) भुवन चंद्र खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी की ‘कांग्रेस पथ वाली यात्रा’ पांच वर्ष में ही थम गई। सूत्रों के अनुसार मनीष ने संगठन के सामने सात मार्च तक की डेडलाइन तय करते हुए, अपनी मांगों पर निर्णय लेने को कहा था।
मांगें पूरी न होने पर डेडलाइन के मुताबिक उन्होंने आठ मार्च की सुबह कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया।अब भी खुले हैं दरवाजे पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि पार्टी ने मनीष खंडूड़ी को पलकों पर बैठाया, इसलिए उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए था।
गोदियाल ने कहा कि कुछ दिन पहले भी खंडूड़ी ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि वो कांग्रेस में विचारधारा के आधार पर हैं। यदि यह सच है तो पार्टी के दरवाजे उनके लिए अब भी खुले हैं, उनके मुद्दों को पार्टी फोरम पर रखा जा सकता है।
पिछला लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद मनीष खंडूड़ी गढ़वाल में कांग्रेस का चेहरा बने हुए थे। पार्टी के सभी कार्यक्रम उनकी अगुवाई में ही चलाए गए। इस सप्ताह के शुरू तक गढ़वाल में पार्टी के कार्यक्रमों में भी वो शामिल हो रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा प्रत्याशी के चयन की प्रक्रिया के दौरान पार्टी गढ़वाल सीट पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को भी मजबूत चेहरे के रूप में आंक रही थी, साथ ही नई पीढ़ी के नेता भी सक्रियता से अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे।
इस कारण मनीष अपने लिए केंद्रीय संगठन में उचित भूमिका सुरक्षित करना चाहते थे। यह शर्त स्वीकार नहीं होने पर उन्होंने तय डेडलाइन के मुताबिक कांग्रेस से किनारा कर लिया। मनीष खंडूड़ी भारत जोड़ो यात्रा में डायरी लेखन का काम कर चुके हैं।